गीत (दो गज दूरी)
*गीत*(दो गज दूरी)
दो गज दूरी रखें सभी से,
मुँह पर लगें मुसीके।
हाथ जोड़कर नमन करें सब,
सीखें यही सलीके।।
दूरी बना-बना के रहकर,
नियमित जीवन जीएँ।
सादा भोजन ध्येय बनाकर,
नीर स्वच्छ सब पीएँ।
निश्चित कटेगा संकट मित्रों-
बस हैं यही तरीके।।
सीखें यही सलीके।।
दूरी रहे भले शारीरिक,
रहे प्रेम पर दिल में।
निर्मल तन सँग निर्मल मन यदि,
रहे न बल कातिल में।
अरि का करें सामना सब मिल-
यही विकल्प सभी के।।
सीखें यही सलीके।।
नियमित टहलें खुली जगह पर,
रहे न जहाँ प्रदूषण।
हरी घास भी रहे मखमली,
करे मनोबल-पोषण।
शत्रु कोरोना दूर रहेगा-
हर दिन रहे खुशी के।।
सीखें यही सलीके।।
फिर मुँह बाए रोग खड़ा है,
फिर से इसे हराएँ।
साफ-सफाई से ही रहकर,
इसको दूर भगाएँ।
हो उत्साहित काम करें सब-
हों न मनोबल फीके।।
सीखें यही सलीके।।
सरकारी आदेश मानकर,
सही राह पर जाएँ।
झगड़े जो भी रहें आपसी,
मिल-जुल कर सुलझाएँ।
अस्पताल में निर्भय होकर-
जा लगवाएँ टीके।।
दो गज दूरी रखें सभी से,
मुँह पर लगें मुसीके।
हाथ जोड़कर नमन करें सब-
सीखें यही सलीके।।
©डॉ0हरि नाथ मिश्र
9919446372
ऋषभ दिव्येन्द्र
15-Apr-2023 04:38 PM
बहुत बढ़िया
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